Newz Fast, New Delhi, Yogini On Himalaya , Yogini Meditation On Himalaya: मां काली से जुड़ी चौसठ योगिनियां आज भी हिमालय की पहाड़ियों में तपस्या कर रही है। आज भी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में कई ऐसी महिला साधू है, जिनके बारे में कोई कुछ भी नहीं जानता है।
माना जाता है कि सतयुग के समय में आदिशक्ति की कठोर पूजा तपस्या की थी। आज भी गगन की चोटी पर बीच पहाड़ों में हाड़ कंपाने वाले ठंड और बर्फबारी के बची में ये महिला योगी साधना करती हैं।
अगर हम देखें तो सामान्य भाषा में इन्हें योगिनी कहा जाता है। ये केवल उत्तराखंड और हिमाचल की पहाड़ियों में सबसे उंचे स्थानों पर ही मिलती हैं। जहां पर हर कोई नहीं जा पाता है। क्योंकि उस जगह पर काफी शांति वाला माहौल होता है। उन जगहों पर पुरूषों की तरह ही कई महिलाएं संत है जो भक्ति साधना करती हैं।
हिमाचल की पहाड़ियों में योग साधना करने वाली साध्वी दुर्गा ने 64 योगिनियों के बारे में भी इन्होंने जानकारी दी है।
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इसको लेकर साध्वी दुर्गा ने बताया कि महाकाली ने ही 64 योगिनियों का रूप धारण किया था। जो उनकी शक्तियां है वो तंत्र साधना से ही कोई हासिल कर सकता है। मुख्य रूप से योगिनियां अष्ट योगिनी तथा चौसठ योगिनी के नाम से जानी जाती हैं, जो अपने गुणों तथा स्वभाव से भिन्न-भिन्न रूप धारण करती हैं.
पहाड़ की ऊंची चोटियों पर महिला संतों की इस साधना से देवी शक्तियों की सिद्धि के साथ ही तंत्र मंत्र, मारण, हरण और मोहिनी शक्ति भी हासिल होती है. समस्त योगिनियों का संबंध आदि शक्ति काली के कुल से है. घोर नामक दैत्य से साथ युद्ध के समय आदि शक्ति काली ने ही समस्त योगिनियों के रूप में अवतार लिया था.
महा विद्याएं, सिद्ध विद्याएं भी योगनियों की ही श्रेणी में आती हैं. ये भी आद्या शक्ति काली के ही भिन्न भिन्न अवतारी अंश हैं. अगर हम देखें तो सभी योगिनियों में एक अलौकिक और तगड़ी शक्तियां मौजूद होती है। इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कलाओं में योग साधना के जरिए निपुण हैं.