Newz Fast, New Delhi How was Chaat Invented : भारत में सबसे ज्यादा लोग चाट के ही दिवाने हैं। क्या आपको पता है कि चाट का आविष्कार कैसे और किसने किया था। ज्यादातर को इसकी जानकारी नहीं होगी। इसकी भी कहानी का दिलचस्प है। तो चलिए जानते हैं कि खाने वाली चीज को चाट क्यों कहते हैं।
अगर बात आती है फास्ट फूड की तो सबसे पहले हमारे दिमाग में आता है समोसा, गोलगप्पा, चाट। लेकिन क्या आपको पता है कि चाट को चाट क्यों कहा जाता है। जबकि प्रश्न तो ये है कि न तो इसे चाटकर खाया जाता और न ही पिया जाता है। चो चलिए हम आपको बताते हैं इसको चाट क्यों कहा जाता है।
इस जगह पर बना था ये पहला डिश-
चाट के बारे में जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि ये कहां कि डिश है। दरअसल चाट को लेकर इतिहासकारों के बीच कई किस्म के दावे मिलते हैं. उनमें से दो दावों को ज्यादा अहमियत दिया जाता है. पहला कि चाट को पहली बार उत्तर प्रदेश में बनाया गया था. वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक चाट को दिल्ली में बनाया गया था. हालांकि इन दोनों ही कहानियों के केंद्र में मुगल राजा शाहजहां हैं.
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ऐसे हुआ था चाट का आविष्कार-
बताया जाता है कि शाहजहां के समय हैजा बढ़ने लगा था। ऐसे में शाहजांह के वैद्यों ने उन्हें एक घरेलू इलाज के बारे में बताया था. जिसके मुताबिक विशेष मसालों का इस्तेमाल किया जाए, जो बैक्टरिया को मारने में मदद करेंगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश में सबसे पहले चाट बनाने की शुरुआत हुई थी. मसालों से बने इस डिश या कहें दवा को चाटकर खाया जाता था, जिस कारण इसका नाम चाट पड़ा था.
इस जगह की चाट है मशहूर-
इतिहास के मुताबिक जब मुगल राजा शाहजहां ने आगरा से निकलकर दिल्ली के किनारे शाहजहांनाबाद बसाया था. तब यमुना का एल्काइन पानी रास नहीं आया था. ऐसे में दिल्ली के वैद्य हाकिम अली की सलाह पर इमली, लाल मिर्च, धनिया और पुदीना जैसे मसालों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था. इस दौरान ही शाकाहरी लोगों के लिए चाट और मांसाहारी लोगों के लिए निहारी का इजाद किया गया था.
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चाट ही क्यों पड़ा इसका नाम-
अब सवाल ये है कि आखिर चाट का नाम चाट क्यों पड़ा था. एक रिपोर्ट के मुताबिक चाट का नाम चाटने से आया है. दरअसल जिस तरीके से लोगों इसे चाट-चाट कर खाते थे, उस वजह से इसे चाट कहा गया था. हालांकि दूसरा दावा है कि इसके स्वाद की वजह से ये नाम दिया गया है. जैसे चाट का स्वाद अपने आप चटपटा था. इस वजह से इसे चाट कहा गया था.