Newz Fast, New DeIhi- stubble burning in Parwal: हाल ही में आई खबर के मुताबिक बता दें कि हरियाणा में किसान ज्यादा पराली जा रहे है। इससे हवा के कारण गुणवत्ता खराब होती जा रही है। बताया जा रहा है कि रोक के बाद भी किसान पराली जला रहे है। इन किसानों के खिलाफ किसानों ने सख्त एक्शन लिया है और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से-
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बता दें कि पंजाब में ही नहीं बल्कि हरियाणा के किसान भी गेंहू की कटाई के बाद रोकने पर भी पराली जलाने में लगे हुए है। किसान विशेष रूप से (stubble burning in Parwal) पलवल जिले में अधिक पराली जला रहे हैं।
इससे हवा की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है। 1 अप्रैल से 3 मई के बीच पलवल जिले में पराली जलाने की आठ घटनाएं सामने आई हैं। आरोपी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मिली रिपोर्ट के मुताबिक बता दें कि संसाधन सूचना विभाग की एक नोडल एजेंसी, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर ने 1 अप्रैल से पलवल जिले में पराली जलाने की 31 घटनाएं सामने आई है जिसमें से 23 को गलत साबित कर दिया गया है।
इस बात का दावा किया जा रहा है कि इन घटनाओं की मिली जानकारी गलत भी हो सकती है। क्योंकि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन के बाद पराली जलाने की घटनाओं को आधिकारिक रूप से दर्ज किया जाता है।
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उल्लेख है कि ये घटनाएं हरियाणा के इन जिलों की है उदयपुर बंगुरी, बेहरोला, औरंगाबाद, कोडला (बांचारी) डाकोरा, भिडुकी, खांबी और सोलरा गांवों से सामने आईं, जहां पर काश्तकारों पर 2,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
इस साल गेंहू कटने के बाद पराली जलाने की पहली घटना इसी गांव में ही हुई थी। पहली घटना 20 दिन पहले यानि 16 अप्रैल को हुई थी। जबकि आखिरी घटना 29 अप्रैल को सोलरा गांव में हुई थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आधिकारिक ऐप ‘समीर’ पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, इस साल पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 2023 की इसी अवधि की तुलना में लगभग समान रही है।
हाल ही में पलवल सहित इस क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में इस साल हवा की गुणवत्ता और बुरी होती जा रही है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जा रहा है।
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हाल ही में बताया जा रहा है कि जैसे-जैसे पंजाब में गेंहू की कटाई होती जा रही है, वैसे-वैसे ही इस राज्य में रोकने के बाद पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे है।
2023 और 2022 में इसी अवधि के दौरान क्रमशः 27 और 21 की तुलना में राज्य में 1 अप्रैल से शनिवार तक खेतों में आग लगने की 45 घटनाएं दर्ज की गई हैं। 2022 में खेतों में आग लगने की कुल 14,511 घटनाएं और 2023 में खेतों में आग लगने की कुल 11,355 घटनाएं दर्ज की गईं।