Kurukshetra News : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अनोखा बैंक, यहां रुपये नहीं किताबों का होता है लेनदेन
Newz Fast, Kurukshetra
Kurukshetra News – जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कस्बे के कुछ युवाओं ने मिलकर एक नई पहल शुरू की है।
इन युवाओं ने किताब वाला बैंक के नाम से पुस्तक बैंक बनाया है। जहां छात्र अपनी पुरानी किताबें भेंट कर जाते हैं और जरूरतमंद छात्र यहां से निश्शुल्क किताबें लेते हैं।
किताब वाला बैंक के संचालक सचिन मित्तल और सर्वेश ने बताया कि उन्होंने काफी समय पहले लाल द्वारा मंदिर वाली गली में मंदिर के साथ बड़ी बिल्डिंग में यह किताब वाला बैंक शुरू किया है।
जिसका उद्देश्य है कि सभी बच्चों को शिक्षित किया जा सके और संसाधनों की कमी में उनका लक्ष्य न छूटे। उनके पास पहली कक्षा से लेकर बीटेक तक की किताबें लोगों ने दान स्वरूप दी हैं।
यहां तक कि इतिहास से संबंधित किताबें और तकनीकी ज्ञान का सिलेबस तक यहां उपलब्ध है।
इतिहास प्रेमियों के लिए भी पुस्तकें उपलब्ध
सचिन मित्तल ने बताया कि उनके पास हजारों किताबें आ चुकी हैं और जरूरतमंद परिवारों से बच्चों के लिए इन पुस्तकों की डिमांड भी आ रही है।
उन्होंने बताया कि किताब वाला बैंक में बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि इतिहास प्रेमियों के लिए भी पुस्तकें उपलब्ध हैं। जो व्यक्ति इतिहास से जुड़े तथ्यों को जानने की इच्छा रखते हैं।
उनके लिए भी यहां किताबें पहुंची हुई हैं। जिन्हें प्राप्त करने के लिए लाल द्वारा मंदिर वाली गली में मंदिर के पास स्थित किताब वाला बैंक में संपर्क किया जा सकता है जिसका समय 6:00 से 8:00 बजे तक का है।
लाइब्रेरी में दे रहे किताबें
उन्होंने कहा कि ऐसी किताबों को लाइब्रेरियों में भेजा जाएगा। इतना ही नहीं यहां से किताबें देने वालों और लेने वालों का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाता है।
सर्वेश ने बताया कि पिछले वर्ष उनके दिमाग में यह आइडिया आया था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे पूरा नहीं कर पाए। लिहाजा इस बार उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में स्कूल व कॉलेज की किताबें खरीद पाना सभी के लिए संभव नहीं है। जिससे लाखों बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है।
पर्यावरण बचाने की आएगी जागरूकता
सचिन मित्तल ने कहा कि विद्यार्थी के अगली कक्षा में प्रवेश के बाद उसकी किताबें बेकार हो जाती हैं। अधिकतर इन किताबों को रद्दी में बेच देते हैं।
जिससे रद्दी वाला इन्हें नष्ट कर देता है और हर बार नई पुस्तकों के प्रकाशन पर खर्च होता है। इससे पेड़ों की अधिक कटाई होती है। इस अभियान से पर्यावरण को बचाने के प्रति भी जागृति आएगी। फिलहाल इस प्रयास की चारों और सराहना हो रही है। (Kurukshetra News )