मणिपुर जाने पर लोकटक झील को अवश्य देखना, जानिये मीठे पानी की इस बड़ी झील के रोचक तथ्य
मणिपुर में इंफाल से दूर दक्षिण दिशा में 40 किलोमीटर दूर विष्णुपल जिले के पास लोकटक झील है। यह झील अपनी सतह पर तैरते वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मणिपुर में इंफाल से दूर दक्षिण दिशा में 40 किलोमीटर दूर विष्णुपल जिले के पास लोकटक झील है। यह झील अपनी सतह पर तैरते वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस झील का कुल क्षेत्रफल लगभग 280 वर्ग किमी है। झील पर सबसे बड़े तैरते द्वीप को 'केयबुल लामजाओ' के नाम से पहचाना जाता है। इसका क्षेत्रफल 40 वर्ग किमी है। खास बात है कि यहां कई वन्य जीव पाए जाते हैं। यहां विलुप्त होने वाली प्रजाति के संगइ हिरण भी यहां पाए जाते हैं।
खास बात है कि लोकटक झील में फूमदी का क्षेत्रफल 40 वर्ग किलोमीटर है। इसे भारत सरकार ने 'केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय पार्क' का नाम और दर्जा दिया है। यह पार्क दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क है। इसे देखकर आप भी आश्चर्य से भर जाएंगे।
लोकटल झील पर खतरा भी मंडरा रहा
स्थानीय मीडिया के मुताबिक लोकटक झील के ऊपर खतरा भी मंडरा रहा है। लोकटल झील पर एक लाख लोगों की रोजी रोटी आश्रित है। इन लोगों का कहना है कि पनबिजली दिक्कतों और सरकारी योजनाओं की वजह से दिक्कत आ रही है। एनएचपीसी 1983 मे 105 मेगावाट की क्षमता वाली पनचक्की से जब भी बारिश होती है तो कई द्वीप डूब जाते हैं और लोग प्रभावित रहते हैं। मछलियां बहने से भी लोगों को आजीवका कमाने में परेशानी आती है। इन लोगों की मांग है कि अगर सरकार सही नीतियां बनाए तो लोकटक झील हमेशा अपने यौवन पर रहे।