सिख फॉर जस्टिस क्या है और कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू, हिमाचल विधानसभा के गेट पर की ऐसी हरकत
सिख फॉर जस्टिस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सिख फॉर जस्टिस संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये झंडे विधानसभा परिसर के मुख्य गेट नंबर एक के बाहर मिले। जिसे प्रशासन ने हटा दिया।
पंजाब में धधक रही खालिस्तान की आग अब हिमाचल प्रदेश तक भी पहुंची तो आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बयान दिया है कि हिमाचल प्रदेश के कई हिस्से भी खालिस्तान में शामिल हो जाएंगे।
सिख फॉर जस्टिस क्या काम करता है
सिख फॉर जस्टिस जिसे एसएफजे के नाम से भी जाना जाता है। यह एक यूएस बेस्ड अलगाववादी संगठन है। जो भारत से पंजाब को खालिस्तान के रूप में अलग करने का समर्थन करता है। इसकी स्थापना और मुख्य रूप से वकील गुरपतवंत सिंह पन्नून ने की थी।
साल 2019 में भारत सरकार ने एक गैरकानूनी संघ के रूप में इस संगठन पर रोक लगा रखी है। अलगाववादी एजेंडे के एक हिस्से के रूप में एक अलग खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह के लिए अभियान चला रहा है। इस संगठन को पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी आईएसआई समेत अन्य समूहों से फंडिंग होती है।
कौन हैं गुरपतवंत सिंह पन्नू
सिख फॉर जस्टिस संगठन के संस्थापक और नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहता है और वहीं न्यूयॉर्क शहर में वकील है। सिखों के न्याय के लिए वकालत करता रहता है। पन्नू कई आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा है। पन्नू ने दो साल पहले रेफरेंडम 2020 का आयोजन करने की कोशिश की थी। जिसमें दुनिया भर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट करने की अपील की थी।
पन्नू पर अक्सर सिख युवकों को भड़काने का आरोप लगे हैं। भारत सरकार ने पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया हुआ है। कई मौकों पर पन्नू भारत के खिलाफ वीडियो भी जारी कर चुका है।