Sahid Surendar Kaliraman Hisar : हरियाणा के शहीद जवान की राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई, पांच दिन पहले छुट्टी ही ज्वाइन की थी ड्यूटी
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Sahid Surendar Kaliraman Hisar
कश्मीर के उरी क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों की गोली लगने से शहीद हुए सैनिक सुरेंद्र कालीरामणा का पैतृक गांव खरकड़ी में अंतिम संस्कार किया गया। राजकीय सम्मान के साथ किए गए अंतिम संस्कार में शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के हजारों लोग पहुंचे हुए थे। (Sahid Surendar Kaliraman Hisar)
बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग व भाजपा जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र सिंह, प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार, डीएसपी शहीद सुरेंद्र कालीरामणा को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे। शहीद सुरेंद्र का पार्थिव शरीर सुबह 9 बजे गांव में पहुंचा। परिजनों द्वारा अंतिम दर्शन करने के बाद शहीद बेटे की अंतिम यात्रा निकाली। (Sahid Surendar Kaliraman Hisar)
करीबन 10:30 बजे मुखाग्नि देकर शहीद का विदा किया गया। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय और जय जवान के नारों के साथ विदाई दी। जिले के 24 साल के युवा सैनिक के शहीद हो जाने पर भी सिर्फ 2 नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचना लोगों में चर्चा का विषय बन गया। जजपा विधायक जोगीराम सिहाग पहुंचे। (Sahid Surendar Kaliraman Hisar)
लेकिन हिसार से सांसद बृजेन्द्र सिंह, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, हांसी-नारनौंद-बरवाला के विधायक, पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री आदि नेताओं ने शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए वक्त निकालना जरूरी नहीं समझा। पूरी कांग्रेस व इनेलो पार्टी की तरफ से कोई भी नेता शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं पहुंचा। (Sahid Surendar Kaliraman Hisar)
24 वर्षीय सुरेंद्र कालीरामणा 18 साल की उम्र में जाट रेजिमेंट में सिपाही भर्ती हुए थे। सुरेंद्र 20 दिन की छुट्टी के बाद 5 अगस्त को ही ड्यूटी पर लौटे थे। शनिवार देर रात को सेना के सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरेंद्र को गोली लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
सुरेंद्र कालीरामणा की 8 महीने पहले ही जींद के खटकड़ गांववासी प्रीति के साथ शादी हुई थी। सुरेंद्र के 60 वर्षीय पिता बलबीर सिंह गांव में ही खेतबाड़ी करते हैं, जबकि उनकी मां का कई साल पहले देहांत हो चुका है। सुरेंद्र का बड़ा भाई वीरेंद्र प्राइवेट नौकरी करता है। (Sahid Surendar Kaliraman Hisar)