NPS : रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एनपीएस स्कीम है सबसे बेस्ट, मिलते है ये 4 फायदे, आज ही करें निवेश

Newz Fast
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New Fast , New Delhi – NPS : हर कोई अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहता है कि रिटायरमेंट के बाद ऐसी कौन सी स्कीम में निवेश करें। जिसमें कई तरह बेनिफिट्स मिलें। अगर आप भी रिटायमेंट की प्लानिंग कर रहे है तो आपके लिए एनपीएस स्कीम आपके लिए बेस्ट साबित हो सकती है। इसमें ये 4 बड़े फायदे मिलते है। इसमें निवेश करने पर बुढ़ापा अच्छे से निकल सकता है। आइए जानते है इस स्कीम के बारे में-

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रिटायमेंट के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम काफी शानदार स्कीम मानी जाती है। इस स्कीम में निवेश करने पर कई टैक्स पर छूट मिलती है। साथ में आपका भविष्य भी सुरक्षित होता है. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एनपीएस काफी अच्छा प्लान है. इससे रिटायरमेंट के बाद आपके आने वाले कल के लिए एक मोटा फंड तैयार हो जाता है. आइए जानते हैं एनपीएस चुनने के 4 बड़े फायदे.

1- कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न

एनपीएस की बात करें तो इसमें अन्य फंड मैनेजमेंट सर्विस के मामले में बहुत कम निवेश करना पड़ता है। इस स्कीम में निवेशकों को म्यूचुअल फंड के मामले में कम चार्ज करना पड़ता है। वहीं अगर बात करें म्यूचुअल फंड की तो उसमें आपको 2-2.5 फीसदी तक सालाना चुकाना पड़ता है.

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एक साल में 2 प्रतिशत चार्ज देना पड़ता है। लेकिन लंबे समय के लिए निवेश करते है तो कंपाउंडिंग की वजह से यह एक बड़ी रकम बन जाती है. ऐसे में अगर आप पर लगने वाला चार्ज कम है तो आपको मिलने वाला रिटर्न अपेक्षाकृत अधिक रहता है. एनपीएस में लगने वाले चार्ज की लिस्ट नीचे दी गई है.

2- इनकम टैक्स पर मिलता है इतना बेनिफिट

एनपीएस EEE कैटेगरी में आता है, यानी इसमें निवेश किए गए पैसों, उस पर मिलने वाले ब्याज और मेच्योरिटी के बाद मिली रकम तक सभी पर टैक्स छूट मिलती है. NPS Investment यानी एनपीएस में निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है, जिसकी लिमिट 1.5 लाख रुपए होती है.

वहीं सेक्शन 80CCD (1B) के तहत भी अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट मिलता है. इस सेक्शन के तहत 50 हजार रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इस तरह कुल 2 लाख रुपए का टैक्स बेनिफिट मिलता है.

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इतना ही नहीं, 80CCD(2) के तहत भी एनपीएस पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. इस सेक्शन के तहत अगर कोई एंप्लॉयर अपने एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में पैसा जमा करता है तो एंप्लॉयी को टैक्स में छूट मिलती है. यह छूट निजी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए 10 फीसदी और सरकारी कर्मचारियों के लिए 14 फीसदी होती है.

3- एनपीएस में सबसे अच्छी बात काफी फ्लेक्सिबिलिटी है

एनपीएस की सबसे अच्छी बात ये है कि यह काफी फ्लेक्सिबल है. इसमें निवेशक अपने असेट लोकेशन को साल में चार बार तक बदल सकते हैं. जहां एक ओर म्यूचुअल फंड में एक फंड से दूसरे फंड में स्विच होने को सेल माना जाता है, जिसके गेन पर टैक्स लगता है.

एनपीएस में फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट बदलने या फंड मैनेजर बदलने पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है। इतना ही नहीं, एनपीएस में सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको अपने पैसों का कितना हिस्सा कहां लगाना है. जैसे आप तय कर सकते हैं कि स्टॉक मार्केट में कितने पैसे लगाने चाहिए और सुरक्षित विकल्पों में कितना निवेश किया जाना चाहिए.

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4- नियम बदलने से पीपीएफ से निकाल सकते है इतना पैसा

एनपीएस में निवेश करने का मतलब ये नहीं है कि आपका पैसा रिटायरमेंट तक पूरी तरह लॉक हो जाएगा. जिस तरह पीएफ में कुछ खास अवसरों या जरूरतों पर आप कुछ पैसा निकाल सकते हैं, उसी तरह एनपीएस में भी पैसे निकाले जा सकते हैं.

हालांकि, इसलिए लिए जरूरी है कि आप कम से कम 3 साल पुराने एनपीएस सब्सक्राइबर हों. वहीं आप पूरी जिंदगी में एनपीएस खाते से सिर्फ 3 बार ही पैसे निकाल सकेंगे. पैसे निकाले जाने की सीमा भी 25 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है.

 

 

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