FSSAI Guidelines : एफएसएसएआइ ने जारी की नई गाइडलाइन, अब रसोई के सामान में होने चाहिए ये पोषक तत्व

Newz Fast, Chandigarh FSSAI Guidelines : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया ने एक रिमांइडर जारी करते हुए घर की रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाले आटा, चावल, खाद्य तेल, नमक, दूध और मैदा में पोषक तत्वों को मिलाना अब जरूरी कर दिया है। जिसको लेकर एफएसएसएआइ (FSSAI) ने...
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FSSAI Guidelines : एफएसएसएआइ ने जारी की नई गाइडलाइन, अब रसोई के सामान में होने चाहिए ये पोषक तत्व

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FSSAI Guidelines : फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया ने एक रिमांइडर जारी करते हुए घर की रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाले आटा, चावल, खाद्य तेल, नमक, दूध और मैदा में पोषक तत्वों को मिलाना अब जरूरी कर दिया है।

जिसको लेकर एफएसएसएआइ (FSSAI) ने सुरक्षा अधिकारियों को एक रिमांइडर जारी किया है, जिसमें इन वस्तुओं की सैंपलिंग ज्यादा से ज्यादा करने के आदेश दिए हैं।

FSSAI Guidelines : एफएसएसएआइ ने जारी की नई गाइडलाइन, अब रसोई के सामान में होने चाहिए ये पोषक तत्व

जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी श्यामलाल महीवाल ने बताया कि हरियाणा में कुपोषित बच्चों की संख्या को रोकने के लिए व सभी जिलों को कुपोषण मुक्त करने के लिए यह केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कुछ समय पहले बच्चे कुपोषण का शिकार होते थे, लेकिन अब लगभग सभी आयु के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

FSSAI Guidelines : एफएसएसएआइ ने जारी की नई गाइडलाइन, अब रसोई के सामान में होने चाहिए ये पोषक तत्व

एफएसएसएआइ ने एक नई गाइडलाइन में बाताया है कि नमक में सोडियम के साथ आयरन कंटेंट भी मिला होना चाहिए।

खाद्य तेल और दूध में विटामिन ए-डी, आटा, मैदा और चावल में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी मिलाना होगा।

भविष्य में इस सूची में कई और खाद्य पदार्थों को शामिल करने का प्लान है। पैक्ड सामान पर यह गाइडलाइन लागू होगी।

कोरोना महामारी के चलते सैंपलिंग अभियान गति नहीं पकड़ सका था।

FSSAI Guidelines : एफएसएसएआइ ने जारी की नई गाइडलाइन, अब रसोई के सामान में होने चाहिए ये पोषक तत्व

अब पुन: सूचीबद्ध वस्तुओं के नमूने लिए जाएंगे।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक पैक्ड आइटम में पोषक तत्व नहीं मिलने पर पर निर्माता पर पां लाख रुपये तक का जुर्माना भी किया जा सकता है। (FSSAI Guidelines)

पोषक तत्व न मिलने से दिक्कत :

शारीरिक विकास कम होना।
वजन कम, भूख कम लगना।
हड्डियों से जुड़े रोग।
आखों की रोशनी कम होना।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।

चीनी-नमक कम सेवन की सीख :

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया के सहयोग से कंज्यूमर राइट आर्गनाइजेशन चीनी-नमक और घी-तेल कम मात्रा में सेवन की सीख दे रही है।

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चीनी के अधिक सेवन से शुगर-मोटापा, नमक के ज्यादा सेवन से रक्तचाप बढ़ता है।

दोनों बीमारियां अन्य रोगों को भी जन्म देती हैं। घी-तेल का अधिक सेवन करने से हार्ट की समस्या और मोटापा बढ़ता है।

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