Tax Savings Options : टैक्स बचाने के लिए ये 5 ऑप्शन है सबसे बेस्ट, टैक्सपेयर्स जरुर जान लें

Newz Fast
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Newz Fast , New Delhi-Tax Savings Options : अगर आप भी टैक्सपेयर्स है तो यह खबर आपके लिए है। आप सभी जानते है कि 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरु हो गया है। ऐसे में सभी टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के तरीके अपनाते है। आज हम आपको ऐसे 5 (Tax Savings Options) के बारे में बताने जा रहे है। जिसे अपनाकर आप मोटा टैक्स बचा सकते है। आइए जानते है इन पांच ऑप्शन के बारे में-

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बता दें कि 2024-2025 का नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल से शुरु हो गया है। ऐसे में सैलरीड क्‍लास को टैक्स सेविंग शुरु कर देना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि मंथली खर्चें के साथ-साथ सेविंग, इन्‍वेस्‍टमेंट और टैक्‍स सेविंग्‍स की प्‍लानिंग करनी होती है.

फॉर्मूला यही कहता है कि नए वित्‍त वर्ष के साथ एक नौकरीपेशे वाले व्यक्ति को टैक्स सेविंग की शुरुआत कर लेनी चाहिए। ऐसे 5 टैक्‍स सेविंग ऑप्‍शन के बारे में जानते हैं, जहां सैलरीड टैक्‍स पेयर्स निवेश कर टैक्‍स सेविंग्‍स कर सकता है.

EPF यानि कर्मचारी भविष्य निधि के कर्मचारियों के लिए टैक्स बचाने का यही आसान तरीका है। इसमें सेक्‍शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्‍स डिडक्‍शन मिलता है.

EPF का मैनेजमेंट सेंट्रल ट्रस्‍टी बोर्ड (CBT) करता है. EPF में एक बात का ध्‍यान रखें कि पीएफ अकाउंट में मिलने वाला सालाना 2.5 लाख रु तक ब्‍याज टैक्स फ्री रहता है.

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नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक कंट्रीब्‍यूटरी पेंशन स्‍कीम है. इसमें इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80CCE के तहत 1.5 लाख की लिमिट तक टैक्स डिडक्‍शन का फायदा मिलता है.

इसके अलावा, NPS में सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्‍स छूट ले सकते हैं. NPS नौकरीपेशा के लिए लॉन्‍ग टर्म में टैक्‍स सेविंग के साथ-साथ रिटायरमेंट फंड बनाने में भी मददगार है.

FDs

देश के सभी बैंकों में 5 साल की एफडी में निवेश करने पर ज्यादा ब्याज के साथ टैक्स में भी अच्छी छूट मिलती है। बैंकों में FDs पर सेक्‍शन 80सी में 1.5 लाख रु तक पर टैक्स डिडक्‍शन क्‍लेम कर सकते हैं.

इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. हालांकि, इस बात का ध्‍यान रखें कि टैक्स सेविंग एफडी की मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला का रिटर्न टैक्सेबल होता है.

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PPF

PPF पब्लिक प्रोविडेंट (PPF)लंबे समय तक टैक्स बचाने का एक बेस्‍ट ऑप्शन साबित हो सकता है. इसमें निवेश के साथ मैच्‍योरिटी रकम और ब्‍याज पर भी टैक्‍स में छूट मिलती है।

यानी, इसमें निवेश के साथ-साथ मैच्‍योरटी पर मिलने वाला फंड और रिटर्न की रकम तीनों पर ही टैक्स में छूट मिलती है. लंबे समय के लिए सेफ निवेश और बड़ा फंड बनाने का यह बेहतर तरीका है. पीपीएफ अकाउंट में निवेश पर धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये टैक्स डिडक्‍शन मिलता है.

ELSS

म्‍यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश पर आपको धारा 80C के तहत टैक्स डिडक्‍शन का फायदा मिलेगा. ELSS पर बेहतर रिटर्न के साथ टैक्‍स सेविंग होती है. डबल बेनेफिट के चलते सैलरीड टैक्‍सपेयर्स के बीच एक लोकप्रिय टैक्‍स सेविंग इंस्‍ट्रूमेंट है.

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