Electric वाहन के चाहने वालों के लिए बुरी खबर, अब ये कंपनी नहीं बनाएगी EV कार

इकोनॉमिक टाइम्स को दी ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक फोर्ड इंडिया के स्पोकपर्सन ने बताया कि “हम बेहद सावधानी से रिव्यू करते हुए फैसला लिया है कि हम भारत में किसी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में निवेश नहीं करेंगे।

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Newz Fast, New Delhi भारतीय बाजार से अपना व्यापार समेटने वाली फोर्ड ने एक बार फिर बड़ा फैसला किया है। पहले कंपनी सरकारी स्कीम के तहत फायदा उठाने के लिए इलेक्ट्रिक मार्केट (Electric Vehicle Market) में उतरने की तैयारी कर रही थी लेकिन बाद में फोर्ड ने अपना फैसला वापस ले लिया है।

फोर्ड फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार के लिए भारत में निवेश नहीं करेगी। फोर्ड उन 20 अलग अलग कंपनियों में से एक है, जिसने फरवरी 2022 में भारत के इलेक्ट्रिक कार बाजार में निवेश का फैसला लिया था। कंपनी ने फैसला प्रोडक्शन संबंधी इनसेंटिव स्कीम के तहत लिया था।

कंपनी ने अपनी साणंद गुजरात और चेन्नई की फैक्ट्रियों को बेचने पर विचार कर रही है। फिलहाल दोनों फैक्ट्रियों में कार के निर्माण की प्रक्रिया रुकी हुई है। गुजरात में स्थित साणंद फैक्ट्री को लेकर टाटा मोटर्स से बात चल रही है, जो प्रगति पर है जबकि चेन्नई वाली फैक्ट्री के लिए अभी खरीददारों की तलाश जारी है।

इकोनॉमिक टाइम्स को दी ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक फोर्ड इंडिया के स्पोकपर्सन ने बताया कि “हम बेहद सावधानी से रिव्यू करते हुए फैसला लिया है कि हम भारत में किसी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में निवेश नहीं करेंगे।

हम सरकार के काफी आभारी हैं कि उन्होंने प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव के तहत हमारी अर्जी को स्वीकार किया।”

टाटा की 2000 करोड़ निवेश की योजना

व्यापार बंद करने के ऐलान के बाद फोर्ड के गुजरात वाले प्लांट को संभालने के लिए टाटा मोटर्स का नाम सबसे आगे है। बीते दिनों आई रिपोर्ट में बताया गया था कि टाटा कंपनी 2,000 करोड़ रुपए निवेश की योजना बना रही है।

इस प्लांट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 23 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे। फोर्ड का ये प्लांट, टाटा के अपने साणंद प्लांट के करीब मौजूद है। टाटा मोटर्स का प्लान है आगामी सालों में वो इलेक्ट्रिक वाहन इस प्लांट में तैयार करेगा।

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