Haryana Emergency Number : गुरुग्राम, फरीदबाद सहित हरियाणा में पुलिस, फायर व एंबुलेंस सेवा के लिए अब एक इमरजेंसी नंबर, आज होगा डायल 112 शुरू

Newz Fast, Chandigarh Haryana Emergency Number – हरियाणा के नागरिकों को अब हर रोज 24 घंटे पुलिस सहायता उपलब्ध हो सकेगी। सहायता के लिए जरूरतमंद लोगों को पुलिस न तो टरका सकेगी और न ही कोई बहाना बना सकेगी। हरियाणा सरकार राज्य में पुलिस, फायर और एंबुलेंस सेवा से जुड़ी...
 

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Haryana Emergency Number – हरियाणा के नागरिकों को अब हर रोज 24 घंटे पुलिस सहायता उपलब्ध हो सकेगी। सहायता के लिए जरूरतमंद लोगों को पुलिस न तो टरका सकेगी और न ही कोई बहाना बना सकेगी।

हरियाणा सरकार राज्य में पुलिस, फायर और एंबुलेंस सेवा से जुड़ी आपातकालीन सेवाओं के लिए एक संयुक्त नंबर 112 की शुरुआत करने जा रही है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज पंचकूला से इस नंबर की शुरुआत करेंगे। इसी दिन 601 इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ईआरवी) गाडिय़ों की विभिन्न जिलों के लिए रवानगी होगी।

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस नए सिस्टम की प्रजेंटेशन देख चुके हैं। एडीजीपी एएस चावला ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में पिछले दिनों अनिल विज को इस पूरी परियोजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी।

पुलिस महानिदेशक मनोज यादव की देखरेख में मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज मोबाइल डेटा टर्मिनल और अन्य आपातकालीन संबंधित उपकरणों से लैस 601 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाएंगे।

गृह मंत्री अनिल विज समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जबकि हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी मौजूद रहेंगे।

इस परियोजना को हरियाणा पुलिस की सेवाओं के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है। परियोजना के शुरू होने से पुलिस को इमरजेंसी के समय लोगों की अधिक त्वरित और प्रभावी ढंग से मदद करने में सहायता मिलेगी।

नागरिक किसी भी संकट की स्थिति में नंबर 112 डायल कर इमरजेंसी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इमरजेंसी रिस्पांस एंड सर्पोट सिस्टम (ईआरएसएस) के तहत आपातकालीन नंबर शुरू किया जा रहा है।

नई प्रणाली लोगों को कई नंबर याद रखने की आवश्यकता को समाप्त करेगी। ईआरएसएस एक नंबर के माध्यम से इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करने के लिए पुलिस (100), फायर (101) और एंबुलेंस (108) हेल्पलाइन नंबरों का एकीकरण है। इस परियोजना को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर लागू किया गया है।

गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि परियोजना के तहत पंचकूला में एक अत्याधुनिक स्टेट इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर स्थापित किया गया है जिसे जिला स्तर पर पुलिस कंट्रोल रूम के साथ-साथ इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स से डिजिटल रूप से जोड़ा गया है।

112 नंबर मिलाते ही प्रदेश वासियों को पुलिस, एंबुलेंस तथा फायर ब्रिगेड की इमरजेंसी सेवाएं तुरंत मिल सकेगी। सी-डेक को करीब 152 करोड़ रुपये के भुगतान के अलावा करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से 630 नए इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स की खरीद भी की गई है। (Haryana Emergency Number )

यह वाहन विभिन्न आपातकालीन उपकरणों से लैस होंगे। प्रदेश सरकार ने सी-डेक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग) के माध्यम से इमरजेंसी रिस्पोंस एंड स्पोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) प्रोजेक्ट की स्थापना की है।

पंचकूला में इसका राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। देश में यह प्रोजेक्ट 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहा है। चार राज्यों में लागू किया जा रहा है।

ईआरएसएस पुलिस की सबसे महत्वाकांक्षी और बड़ा प्रोजेक्ट है जो प्रदेश के लोगों को न केवल पुलिस आपातकालीन सेवाओं, बल्कि अन्य आपातकालीन सेवाएं फायर-ब्रिगेड और एंबुलेंस तक भी पहुंचाएगा।

प्रोजेक्ट पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद हरियाणा के प्रत्येक नागरिक को शहरी क्षेत्रों में पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल करने पर 15 मिनट के भीतर व ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के भीतर आपातकालीन पुलिस सेवाएं उपलब्ध होंगी।

इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर के लिए पंचकूला के सेक्टर-1 में पहले से ही एक आधुनिक भवन का निर्माण किया है, जो पूरी कंट्रोल रूम होगा।

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि प्रदेश वासियों को आपातकालीन सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए एक ही नंबर डायल करना पड़ेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों को आधुनिक पुलिस वाहन मुहैया करवाए गए हैं।

112 डायल करते ही मिलेगी पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की सेवा

हरयाणा में डायल 112 मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की जा रही हेल्पलाइन 112 का मुख्यालय पंचकूला में बनाया गया है। जहां पर चार भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, हरियाणवी और पंजाबी) समझने वाले लोगों को नियुक्त किया गया है।

ये कर्मचारी प्रदेश भर से आने वाले फोन कॉल को सुनकर आगे रिस्पांस टीम तक अपने संदेश भेजेंगे, जोकि शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट में शिकायतकर्ता के पास पहुंचेंगे।