Wheat Price: खुशखबरी! गेहूं किसानों को 'बोनस' का तोहफा दे सकती है सरकार, हरियाणा में 31 मई तक होगी गेहूं की सरकारी

Wheat Price: खुशखबरी! गेहूं किसानों को 'बोनस' का तोहफा दे सकती है सरकार, हरियाणा में 31 मई तक होगी गेहूं की सरकारी
 
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mandi bhav wheat price

Newz Fast, New Delhi निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद, केंद्र ने गेहूं उत्पादक राज्यों में खरीद की तारीख 31 मई तक बढ़ा दी है। यानी केंद्र सरकार अब राज्यों से 31 मई तक गेहूं की खरीद जारी रखेगी।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एफसीआई को केंद्रीय पूल के तहत भी गेहूं की खरीद जारी रखने के लिए कहा। इसने कहा कि खरीद की समय सीमा बढ़ाने से किसानों को लाभ होगा।

खाद्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि हरियाणा में गेहूं खरीद की अवधि 31 मई तक बढ़ा दी गई है, वहीं पंजाब सरकार से महीने के अंत तक गेहूं खरीदने को कहा गया है। हरियाणा में गेहूं की खरीद 15 मई को बंद होने वाली थी। पंजाब में इसके लिए 31 मई की तारीख निर्धारित है।

कहां और कब तक जारी रहेगी गेहूं की खरीद? 

खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने हरियाणा में गेहूं खरीद की तारीख बढ़ाकर 31 मई कर दी है। पंजाब खरीद जल्द बंद करना चाहता था लेकिन हमने राज्य सरकार से खरीद मई अंत तक जारी रखने का अनुरोध किया।’’

बता दें कि मंत्रालय ने पंजाब और हरियाणा समेत छह राज्यों में गेहूं की खरीद इस माह के अंत तक जारी रखने की रविवार को ही घोषणा की है। बयान के मुताबिक दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में खरीद 31 मई तक चलेगी, राजस्थान में गेहूं की खरीद 10 जून तक, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में 15 जून तक और उत्तराखंड में 30 जून तक गेहूं की खरीद होगी। बिहार में यह 15 जुलाई तक जारी रहेगी।

गेहूं निर्यात पर बैन से पहले ही हो चुका है नुकसान? 

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के अलावा गेहूं और आटे की घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने की आवश्यकता के कारण सरकार की नीति में बदलाव नजर आ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम के "बहुत प्रभावशाली" होने की बहुत उम्मीद नहीं है, सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि "वह कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है", लेकिन "नुकसान पहले ही हो चुका है"। 

व्यापारियों ने किसानों को एमएसपी से अधिक कीमत की पेशकश की

केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद रबी सीजन 2022-23 के दौरान 2021-22 की तुलना में कम रही है क्योंकि व्यापारियों ने किसानों को एमएसपी से अधिक कीमत की पेशकश की थी। सूत्रों ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें बढ़ने के कारण कई किसान और व्यापारी अपना अनाज बाजारों में नहीं लाए।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बाजारों में गेहूं के आने की धीमी गति के कारण कुछ राज्यों द्वारा मंडियों को समय से पहले बंद करने की अनुमति देने के लिए अनुरोध किया गया था। पंजाब ने 17 मई से मंडियों को बंद करने का अनुरोध किया था। 
अब एमएसपी के ऊपर "बोनस" देगी सरकार?

सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार अब किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसपी के ऊपर "बोनस" देने पर भी विचार कर रही है। अब तक 16.83 लाख किसानों को 36,208 करोड़ रुपये का एमएसपी मूल्य मिला है। 14 मई तक, सरकार की गेहूं खरीद चालू वर्ष में 18 मीट्रिक टन (MT) थी, जो एक साल पहले 36.7 मीट्रिक टन से बहुत कम थी।
अब एमएसपी के ऊपर "बोनस" देगी सरकार?

सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार अब किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसपी के ऊपर "बोनस" देने पर भी विचार कर रही है। अब तक 16.83 लाख किसानों को 36,208 करोड़ रुपये का एमएसपी मूल्य मिला है। 14 मई तक, सरकार की गेहूं खरीद चालू वर्ष में 18 मीट्रिक टन (MT) थी, जो एक साल पहले 36.7 मीट्रिक टन से बहुत कम थी।

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