गर्मियों के मौसम में यूरिन इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है, किन सावधानियों को रखते हुए इससे बचा जा सकता है, जानिए इस लेख में
Newz Fast, New Delhi इस दौरान मौसम गर्म और उमस भरा होता है, जो सूक्ष्मजीवों के पनपने के लिए अनुकूल होता है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकता है,
लेकिन इसके 90 प्रतिशत मामले ई-कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होते हैं। 50 प्रतिशत महिलाओं को जीवन में एक बार यूटीआई ज़रूर होता है। इनमें से 75-90 प्रतिशत मामले 40 से कम उम्र की महिलाओं के होते हैं।
लक्षणों को ऐसे पहचानें
यूरिन पास करते समय जलन होना, बार-बार लेकिन थोड़ी मात्रा में यूरिन पास करना, यूरिन से तेज़ गंध आना या पेल्विक क्षेत्र में दर्द होना इसके लक्षण हैं।
पेट के निचले भाग में दर्द होना, यूरिन क्लॉउडी यानी बादल के रंग की होना, यूरिन लीक होना या हल्का बुखार भी हो सकता है।
गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है खतरा?
यूटीआई, मूत्र प्रणाली (यूरिनरी सिस्टम) के किसी भी भाग जैसे किडनी, मूत्रवाहिनी (युरेटर), मूत्राशय या मूत्रमार्ग में हो सकता है। यह संक्रमण सामान्यत: यूरिनरी ट्रैक्ट के निचले भाग (ब्लैडर और यूरेथ्रा) में अधिक होता है।
हालांकि यूटीआई दूसरे मौसम में भी हो सकता है, लेकिन गर्मियों में इसके मामले सबसे अधिक सामने आते हैं। गर्मियों में पसीना अधिक निकलता है,
जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इस वजह से लोग यूरिन कम पास करते हैं, तो बैक्टीरिया को यूरिन में पनपने का अवसर मिल जाता है।
ऐसे कर सकते हैं बचाव
— सूती कपड़े के अंतर्वस्त्र पहनें।
— पानी समेत अन्य तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
— यूरिन को रोकें नहीं।
— हर बार यूरिन पास करने के बाद पानी का इस्तेमाल न करें। टिशू पेपर का इस्तेमाल करें।
— स्विमिंग पूल में नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह पोंछकर सूखे कपड़े पहनें। सामान्य तौर पर भी नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से पोंछना चाहिए।
— साफ़ और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों का ही इस्तेमाल करें। इंडियन टॉयलेट्स का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
— एंटी-ऑक्सीडेंट्स युक्त खाद्य पदार्थ जैसे करौंदे, संतरा, दही, डार्क चॉकलेट, टमाटर, योगर्ट, ग्रीन टी, ब्रोकली, पालक, अनार आदि आहार में शामिल करें।